भारत-नेपाल सीमा पर पहचान पत्र अनिवार्य, सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए नियम; जानिए क्या हैं जांच के पीछे की वजहें!

Hrithik Vardhan

भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध अटूट है, जिसे देखते हुए दोनों देशों ने सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। अब पहचान पत्र दिखाने पर ही सीमा में प्रवेश मिलेगा। साथ ही, आपराधिक गतिविधियों, तस्करी और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।

सीतामढ़ीः भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध रहा है। दोनों देश काफी पुराने मित्र है। भारत की ओर से नेपाल को हरसंभव हर तरीके से सहयोग किया जाता है। नेपाल से सटे बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, अररिया और सुपौल शामिल है। बॉर्डर पर भारत की ओर से एसएसबी तैनात है।

बॉर्डर की लंबाई करीब 1,751 किलोमीटर है। यह बॉर्डर केवल व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रमुख मार्ग ही नहीं है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी संवेदनशील है। इस बीच, दोनों देशों के अधिकारियों के द्वारा आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश, अपराधियों को पकड़ने और तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए समझौता किया गया है।

अवैध घुसपैठ रोकने को प्रभावी कदम

दोनों देशों में अपराधी और तस्कर बराबर आते-जाते रहते है। जो बीच बीच में पकड़े भी जाते है। फिर भी ये अपराधी और तस्कर अपने नापाक मंसूबे को पूरा कर ही लेते है। अब ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने को दोनों देशों ने अपने देश में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान-पत्र की जांच अनिवार्य कर दिया है। यानी अब भारत से नेपाल जाते है या नेपाल से भारत आते है, तो अपनी जेब में पहचान-पत्र के रूप आधार कार्ड या वोटर आईकार्ड समेत अन्य सबूत रखकर ही यात्रा करें, अन्यथा परेशानी में पड़ जाएंगे।
बॉर्डर पर एसएसबी भी हुआ सख्त

भारत-नेपाल सीमा पर अब एसएसबी भी सख्त हो गया है। हर नागरिक की पहचान पत्र जांच कर रही है। वहीं, संदिग्धों की तलाशी शुरू कर दी हैं। गौरतलब है कि सीतामढ़ी जिला में बैरगनिया, सोनबरसा, सुरसंड, भिट्ठामोड़ में एसएसबी का चेक पोस्ट है। एसएसबी 20 वीं बटालियन के कमांडेंट गिरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि नेपाली या भारतीय, सभी को फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाने के बाद ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश मिलेगा। इसका उद्देश्य दोनों देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

दोनों देशों के अधिकारियों में बनी सहमति

इधर, सीतामढ़ी के डीएम और एसपी की जिला से सटे नेपाल के जिलों के डीएम और एसपी की बैठक हुई है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनी है। शराब, मादक पदार्थ, हथियारों एवं मानव तस्करी, प्रतिबंधित ड्रग्स पर पूरी सख्ती के साथ रोक लगाने पर सहमति बनी है। बैठक में डीएम रिची पांडेय ने सीमावर्ती क्षेत्रों के पदाधिकारी आपसी सहयोग एवं समन्वय के साथ कार्य करें। इससे सीमा क्षेत्रों में सौहार्द बना रहेगा।

सूचनाओं का होगा आदान-प्रदान

भारत एक-दूसरे को सूचनाओं के आदान-प्रदान पर भी सहमति बनी है। सीमा पर नो मेंस लैंड एरिया में अतिक्रमण भी चर्चा की गई है। खास बात कि तीसरे देशों के नागरिकों का अवैध तरीकों से भारत में प्रवेश नहीं करने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई एवं ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने पर भी सहमति बनी है। इसी क्रम में बिहार के रास्ते भारत में नेपाल से फेक करेंसी के आवागमन पर रोक लगाने पर विशेष रूप से चर्चा की गई है। मौके पर नेपाल के महोत्तरी जिले के सीडीओ लालबाबू कवारी, सर्लाही सीडीओ तुलसी बहादुर श्रेष्ठा रौहतक सीडीओ विनोद कुमार खड़का सहायक सीडीओ और एसपी उपस्थित थे।

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Author, Writer at www.hqtoday.in
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